"dilkash afsaney hain, kuch khavb suhaney hain".
एक साँस ले चुका...
एक साँस बाकी है....
दो सांसों के बीच मैं
अटका हुआ अस्तित्व मेरा
मै मुर्दा भी नही ..................
अभी दूसरी साँस लेनी बाकी है
मै जीवन और मृत्यु के बीच
फंसी एक आत्मा हूँ
जिसने कभी मोक्ष नही चाहा